बकरी पालन का सुनहरा मौका! इन 2 नस्लों से बनेगा बड़ा बिजनेस

बकरी पालन व्यवसाय न केवल कम लागत वाला है, बल्कि इसका रख-रखाव भी सरल है, जिससे यह गरीब किसानों और खेतिहर मजदूरों के लिए आय का एक प्रभावी साधन बन जाता है। उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में बकरियाँ आर्थिक संबल के रूप में उभरी हैं, लेकिन किसान अभी भी जानकारी के अभाव में इससे अधिकतम लाभ नहीं उठा पा रहे हैं।

वैज्ञानिक पद्धति से बकरी पालन

सोनभद्र के कृषि वैज्ञानिक बाबू लाल मौर्या के अनुसार, वैज्ञानिक तरीके से किया गया बकरी पालन किसानों की आय को दोगुनी या तिगुनी कर सकता है। उच्च नस्ल की बकरियों का चयन (Select high breed goats) और स्टॉल फीडिंग या चराई पर आधारित पालन पद्धति का उचित निर्धारण इसमें महत्वपूर्ण है।

प्रशिक्षण की आवश्यकता

बकरी पालन शुरू करने वाले किसानों को प्रशिक्षण लेना आवश्यक है ताकि वे समय पर गर्भाधान जैसी क्रियाओं को सही तरीके से कर सकें और नवजात मेमनों की मृत्युदर कम कर सकें (Timely breeding practices)। यूपी में विशेष गर्भाधान समय से किसानों को लाभ होता है।

बकरी बाड़े की स्वच्छता

बकरी बाड़े की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए। स्वच्छ बाड़े से बकरियों में होने वाली बीमारियों की संभावना कम होती है और उनका स्वास्थ्य बेहतर रहता है (Prevent diseases with cleanliness)। मिट्टी की उचित देखभाल और उसे समय-समय पर पलटने से परजीवी कम होते हैं।

उचित आहार

बकरियों को हरा चारा और खनिज लवण देना चाहिए, खासकर गर्भवती होने पर। बकरी के बच्चों को जल्द से जल्द मां का पहला दूध पिलाना चाहिए, जिससे उनकी प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है (Feeding colostrum boosts immunity).

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FAQ

1. बकरी पालन शुरू करने के लिए क्या आवश्यक है?
बकरी पालन शुरू करने के लिए उच्च नस्ल की बकरियों का चयन और उचित प्रशिक्षण आवश्यक है।

2. क्या बकरी पालन से अच्छी आय हो सकती है?
हाँ, वैज्ञानिक तरीके से किया गया बकरी पालन किसानों की आय को दोगुना या तिगुना कर सकता है।

3. बकरी पालन में स्वच्छता का क्या महत्व है?
स्वच्छता से बकरियों में बीमारियों की संभावना कम होती है और उनका स्वास्थ्य बेहतर रहता है।

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