राजस्थान में औद्योगिक हब का विकास: एक नई पहलराजस्थान सरकार ने दिल्ली-मुंबई और बांदीकुई-जयपुर एक्सप्रेसवे के पास एक बड़ा औद्योगिक हब विकसित करने की योजना बनाई है। इस परियोजना के तहत, लगभग 4000 बीघा भूमि पर औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किया जाएगा, जो कि कोराइजिंग राजस्थान पहल के अंतर्गत आएगा। यह योजना दिल्ली और हरियाणा के उद्योगपतियों के लिए व्यापार के नए अवसर प्रदान करेगी।
बांदीकुई में औद्योगिक कॉरिडोर का विकास
औद्योगिक कॉरिडोर का केंद्र बांदीकुई के कोलवा क्षेत्र में होगा, जो लगभग 20 किलोमीटर के दायरे में विकसित किया जाएगा। भूमि की उपलब्धता की कमी को देखते हुए, इसे विभिन्न ब्लॉकों में विभाजित किया जाएगा ताकि औद्योगिक इकाइयों की स्थापना की जा सके।
निर्माण कार्य की समयसीमा
राजस्थान सरकार ने इस परियोजना के लिए सर्वेक्षण पूरा कर लिया है और एक साल के भीतर भूमि चिन्हित कर निर्माण कार्य शुरू करने की योजना है। इसके अलावा, सड़क कनेक्टिविटी और अन्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त भूमि भी अधिग्रहित की जा सकती है।
गुड़गांव-नीमराना मॉडल पर विकास
यह औद्योगिक हब गुड़गांव और नीमराना मॉडल की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। इससे न केवल स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि राजस्थान को राष्ट्रीय औद्योगिक नक्शे पर भी एक मजबूत स्थान दिलाएगा।
रोजगार और स्थानीय विकास
इस औद्योगिक क्षेत्र से रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। भूमि आवंटन इस प्रकार होगा:
- बांदीकुई तहसील: 1300 बीघा
- बसवा तहसील: 900 बीघा
- दौसा जिला: 1800 बीघा
इस क्षेत्र में अभी तक बड़े उद्योग नहीं हैं, जिससे युवाओं को रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ता है। लेकिन इस हब के विकसित होने के बाद, स्थानीय लोगों को अपने जिले में रोजगार के अच्छे अवसर मिल सकेंगे।
सड़क कनेक्टिविटी
इस नए औद्योगिक क्षेत्र की विशेषता इसकी उत्कृष्ट सड़क कनेक्टिविटी होगी। मुख्य सड़क मार्ग जो इस हब को जोड़ेंगे:
- जयपुर
- दिल्ली
- मुंबई
यह एक्सप्रेसवे दिल्ली से यहां महज 2.5 घंटे में पहुंचने की सुविधा प्रदान करेगा।
औद्योगिक निवेशकों के लिए अवसर
राजस्थान सरकार का यह मेगा प्रोजेक्ट औद्योगिक निवेशकों के लिए बड़े अवसर प्रदान करेगा। दिल्ली-NCR में लागू विभिन्न औद्योगिक बंदिशों की तुलना में यहां व्यापारियों को अधिक सुविधाएं मिलेंगी, जिससे निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री का योगदान
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उद्योग मंत्री राजवर्धन सिंह राठौड़ ने इस औद्योगिक हब की घोषणा की है। विधायक भागचंद टांकड़ा ने भी कहा कि एक्सप्रेसवे से यह क्षेत्र औद्योगिक गतिविधियों के लिए आदर्श बन सकता है।
परियोजना से जुड़े मुख्य बिंदु
- औद्योगिक हब 4000 बीघा भूमि पर विकसित होगा।
- दिल्ली-मुंबई और बांदीकुई-जयपुर एक्सप्रेसवे से सीधा कनेक्शन।
- गुड़गांव-नीमराना की तर्ज पर विकास।
- स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
- एक साल में भूमि चिन्हित कर निर्माण कार्य शुरू होगा।
FAQs
1. राजस्थान में औद्योगिक हब का विकास कब शुरू होगा?
- एक साल में भूमि चिन्हित कर निर्माण कार्य शुरू होने की योजना है।
2. इस औद्योगिक हब का केंद्र कहां होगा?
- औद्योगिक कॉरिडोर का केंद्र बांदीकुई के कोलवा क्षेत्र में होगा।
3. इस परियोजना से स्थानीय लोगों को क्या लाभ होगा?
- इस हब से रोजगार के नए अवसर खुलेंगे, जिससे स्थानीय युवाओं को अपने जिले में काम करने का मौका मिलेगा।
राजस्थान सरकार का यह प्रयास राज्य को एक प्रमुख औद्योगिक केंद्र बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।