EMI Bounce के मामले में हाईकोर्ट का बड़ा निर्णय, लोन लेने वालों को जानना जरूरी!

दिल्ली हाईकोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है, जो उन लोगों के लिए राहत का स्रोत बन सकता है जो लोन चुकाने में असमर्थ हैं। इस फैसले ने स्पष्ट किया है कि बैंकों को हर लोन डिफॉल्ट के मामले में लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी करने का अधिकार नहीं है।

लोन न चुकाने पर बैंक की कार्रवाई

जब कोई व्यक्ति लोन लेता है, तो उसे उसे चुकाने के लिए एक निश्चित समय सीमा दी जाती है। यदि वह समय पर चुकता नहीं कर पाता, तो बैंक उसे नोटिस भेजता है और कानूनी कार्रवाई कर सकता है, जिसमें संपत्ति जब्त करना या LOC जारी करना शामिल है।

क्या है लुकआउट सर्कुलर (LOC)?

लुकआउट सर्कुलर एक आदेश है, जिसके तहत किसी व्यक्ति को देश छोड़ने से रोका जा सकता है। यह आमतौर पर गंभीर आपराधिक मामलों में जारी किया जाता है। हालाँकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि केवल लोन न चुकाने के कारण LOC जारी करना उचित नहीं है।

हाईकोर्ट का फैसला

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि LOC केवल उन्हीं मामलों में जारी किया जा सकता है, जहां व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता (IPC) के तहत कोई आपराधिक आरोप हो। कोर्ट ने यह भी माना कि लोन न चुकाने की स्थिति में व्यक्ति के मौलिक अधिकारों का हनन नहीं किया जा सकता।

मामला: कार लोन का विवाद

इस फैसले का आधार एक मामला था जिसमें याचिकाकर्ता ने 2013 में दो कारों के लिए लोन लिया था। आर्थिक संकट के कारण याचिकाकर्ता ने किस्तें चुकाना बंद कर दिया था, जिसके बाद बैंक ने उसके खिलाफ LOC जारी कर दिया। कोर्ट ने इस LOC को रद्द कर दिया।

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लोनधारकों के लिए सीख

दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला लोनधारकों को कई महत्वपूर्ण सबक देता है:

  • मौलिक अधिकारों की सुरक्षा: बैंक आपकी स्वतंत्रता नहीं छीन सकता।
  • कानूनी प्रक्रिया का पालन करें: बैंक के नोटिस का जवाब दें और समाधान निकालने की कोशिश करें।
  • समय पर लोन चुकाएं: अपनी आर्थिक स्थिति का सही आकलन करें।

कैसे बचें ऐसी स्थिति से?

  • आय और खर्च का संतुलन बनाए रखें: जरूरत के अनुसार ही लोन लें।
  • बैंक से संवाद करें: लोन चुकाने में परेशानी होने पर बैंक को जानकारी दें।
  • कानूनी सलाह लें: किसी भी समस्या में तुरंत विशेषज्ञ से सलाह लें।

दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला लोनधारकों के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक बड़ा कदम है और यह सुनिश्चित करता है कि किसी भी आर्थिक संकट में व्यक्ति को न्याय और स्वतंत्रता का अधिकार मिले।

FAQs

  1. क्या बैंकों को हर लोन डिफॉल्ट पर LOC जारी करने का अधिकार है?
    • नहीं, दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि हर मामले में LOC जारी करना उचित नहीं है।
  2. LOC कब जारी किया जा सकता है?
    • LOC केवल उन मामलों में जारी किया जा सकता है जहां व्यक्ति पर आपराधिक आरोप हों।
  3. लोन न चुकाने पर मुझे क्या करना चाहिए?
    • आपको बैंक से संवाद करना चाहिए और समस्या का समाधान खोजने की कोशिश करनी चाहिए।

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